ज्यादा देर तक सोना पड़ सकता है महँगा

[6:30 am, 14/10/2020] Pritesh: नमस्कार क्या आपको पता है ज्यादा देर बिस्तर मे सोने से भी आपको गंभीर तरह की बीमारी हो सकती है।
अगर नहीं तो चलिएजानते है इस बीमारी के बारेमे और उन लक्षणों के बारेमे जिससे हमे समय रहते ही सवाध होना चाहिए।
(bed sore ) =बेड सोर या हिन्दी मे हम इसे शय्यावरण भी कह सकते है बिस्तर मे ज्यादा देर खेलते रहने वालों लोगों को होने वाला यह महत्वापू र्ण रोग । कौशल्यपूर्ण इलाज से कच रुग्ण शय्यावर्ण से बच सकते है । लेकिन कुछ रुगनों मे पाया गया की वह लाख कोशिशों से भी ठीक नहीं हो सकते औरअंततः इसी अवस्ता मे मर जाते है। रोगी ज्यादातर बिछाने मे सोता रहता हो तो गीलापन,घर्षण,और शरीर पे पड़ने वाला दाब के वजहसे उसकी त्वचा फट जाती है और उस जगह मे जखम हो जाती है। इसी को शय्यावर्ण कहते है।
शय्यावर्ण के कारण त्वचा मुलायम होना, त्वचा लाल होना, घर्षण के वजह से त्वचा निकल जाना या फिर उसको नियमित रूप से रक्त का परिसंचरण न होने से वहा की कोशिका मर जाती है । और वह जखम अंदर तक जाती है और गहरा जखम होता है।
अगर कोई रोगी किसी रोग से ज्यादा समय बिछाने पर सोया रहता है खासकर जब एक ही कंधे पर एक ही स्तिथि मे सोया राहत है तो उसको यह रोग होने की ज्यादा संभावना होती है। क्यूकी निचेसे गद्दी और ऊपर से हड्डी के बीच मे दबती त्वचा मे खून की कमी के कारण वह त्वचा काली पड जाती है और अन्न और ऑक्सीसन के कमी से से जखम हो जाती है और bed sore होने के संभावना बढ़ती है ।
बेड सोर से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखे, हमेशा रोगी का बिछाना समय समय पर बदलते रहे गीला न रहने दे। अगर रोगी बेचेंन रहता है तो वो हलचल ज्यादा करता है येसे समय मे बिछाने का कपड़ा हमेशा मुलायम सूती रखे,गद्दी पर फलों की बीज या रोटी के टुकड़े न रखे रोगी की ब्लैंकेट ज्यादा खिची या निचोड़ी न हो ।
ज्यादा पसीना आने वाले रोगी शय्यावर्ण होने का ज्यादा खतरा बना रहता है अगर कोई रोगी( प्यारलसिस,ट्रैक्शन,कोमा )इन जैसी बीमारियों से लड़ रहा है तो इसमे आपको ज्यादा सावधानीया बरतनी चाहिए । क्युकी इन जैसे रोगों मे शरिर की हलचल नहीं होती,
और त्वचा ज्यादा देर तक दबी रहने से इनमे बेड रोज़ होने की संभावना ज्यादा होती है।

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